«
»

गुरुवार, मार्च 24, 2011

बिहार दिवस का आयोजन

21 मार्च से बिहार मे बिहार दिवस का आयोजन हो रहा है.उद्घाटन के दिन तो मुझे जाने का मौका नही मिला लेकिन किसी तरह कल जाने का मौका मिल ही गया.सचमुच अद्भुत था सारा नजारा.
"बहुत साल बाद पटना में बांसुरी बजाने में आनंद आया. अब आप जो सुनना चाहते है बोलिये हम वही सुनायें"गे. ये अल्फाज़ थे जाने माने बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के. वे राग मारू बिहाग में आलाप से रहे थे और सामने बैठे सुधी संगीत प्रेमी तल्लीनता के साथ उस मधुर संगीत को सुन रहे थे.
दो हजार से ज्यादा की भीड़ श्री कृ्ष्ण मिमोरियल हाल में पूरी तनमन्य होकर पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के बांसुरीवादन को सुन रही थी तो लग ही नही रहा था कि हम बिहार मे हो रहे किसी प्रोग्राम के बीच हैं.खुद मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार भी लगभग 11.45 बजे तक सभी सुधी श्रोताओं के साथ इस स्वर लहरी में आनंद के गोते लगाते रहे.
गांधी मैदान में बिहार दिवस का दुसरा दिन. दीखी धुप की चुभन और पसीने से तर बतर चेहरे. बावजुद चमकते चेहरे पर गौरव का भाव. मन मे उत्साह. आंखों में सुनहरे सपने. हाव भाव में कुछ कर गुजरने की ललक.
बिहार के सौवें साल को यादगार बनाने की सरकारी पहल में उम्मीद से बढकर जन भागीदारी. सुबह से शुरु हुये इस सिलसिले में ज्यों ज्यों सुरज के ताप में कमी आती गयी भीड़ बढती गयी. शाम ढलने के बद लोगों के भीड़ इस कदर उमडी़ की तिल रखने की भी जगह नहीं बची.
सब की आंखों में था एक बदले हुये बिहार का गौरव.

0 टिप्पणियाँ: